Friday, December 2, 2016

राष्ट्रिय सशस्त्र प्रहरी बल प्रशिक्षण प्रतिष्ठानका परिचय संक्षेप Hn



 राष्ट्रिय सशस्त्र प्रहरी बल प्रशिक्षण प्रतिष्ठानका परिचय संक्षेप
डा. कृष्ण कुमार तामाङ
कार्यकारी निर्देशक

सशस्त्र प्रहरी बल, नेपाल का पहला अर्धसैनिक संगठन के नाम से जाना जाता है । सुरक्षा के कई पहलुओ में से  शान्ति बहाली और अमनचयन कायम करने में सशस्त्र प्रहरी बल ने अपना अलग सा मकाम बनाया है । देश में चरम असुरक्षा व उग्र अशान्ति बीच स्थापित सशस्त्र प्रहरी बल नें आम नागरिको को सुरक्षा कीे प्रत्याभूती दिलाने में और सरकार की  हाजिरी करने में पिछले १५ सालो की दौरान देश में हुए बहुत सारे बडे महत्ता की सुरक्षा कार्यो में यथेष्ट योगदान की है । सन् २०१५ एप्रिल की विनाशकारी भूकम्प पीडितो की उद्धार में अब्बल दर्जे का दोस्ताना होनें का बखुबी से अन्जाम देने में यह सफल रहा है । सशस्त्र प्रहरी ऐन २०५८ (सन् २००१) द्वारा निर्धारित किए गए कार्याे के सफाई से किए जाने से यह कहना शायद गल्ती ना हो कि लोगों में इस संगठन के प्रति विश्वास और भरोसा का प्रतिरुप दिखते है ।
विज्ञान और प्रविधि कीे विकास के साथ सुरक्षा व्यवस्थापन का कार्य चुनौतीपूर्ण, जटिल व संवेदनशील बन रहे यिन दिनों में सुरक्षाफौज को भी समयानुकुल परिष्कृत तथा परिमार्जित करते हुए  क्षमता प्रवद्र्धन एवम् आधुनिकिकरण उन्मुख होना अपरिहार्यता को सम्वोधन करने राष्ट्रिय सशस्त्र प्रहरी बल प्रशिक्षण प्रतिष्ठान की स्थापना १७ अक्टोबर २००७ को नेपाल सरकार ने सशस्त्र प्रहरी अधीक्षक (एसपी)और फिर ९ जनवरी २००८  को विशिष्ट श्रेणी के सशस्त्र प्रहरी अतिरिक्त महानिरीक्षक (एडिसनल आइजी) को प्रमुख (कार्यकारी निर्देशक) रहने कि
राष्ट्रिय सप्रबल प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, काठमाण्डु बादी की दक्षिणपश्चिम, शहर के मध्य भाग से १५ किलोमिटर व सशस्त्र प्रहरी बल हेड क्वाटर स्वयम्भू से ७ किलोमिटर कीे दूरी पर चन्द्रागिरी नगर विकास वडा नं. ११ मातातिर्थ के तीनो ओर से उची पहाडियों के बीच घना जङ्गल से परिवेष्टित मनोरम भूभाग मे बसा है ।
१५ जुन २०१३ को नेपाल सरकार व चीन सरकार के बीच सम्झौते मे हस्ताक्षर होकर २८ नवम्वर २०१४ से ३१८ रोपनी  यानी कि ८२,३०३,६११.२५६८ स्क्वा मि जमीन पर राष्ट्रिय सप्रबल प्रशिक्षण प्रतिष्ठान निर्माण कार्य ने गति लि थी । २६ डिसम्बर २०१४ को सशस्त्र प्रहरी बल मख्यालय में हुए एक समारोह के बीच नेपाल के गृहमन्त्री र चिनि विदेश मन्त्री नें कुल लागत रु.३ अर्ब ६० करोड कीे योजना को मिलकर अन्जाम दिए थे जिस में २६ फरवरी २०१५ को शिलान्यास भी हए थे और मई २०१७ तक निर्माण सम्पन्न करनें की बात तय हई थी ।
सल २०१५ के अन्त्य करिब अन्तर्राष्ट्रिय दक्षिणी सीमा से कुछ समय निर्माण सामग्री नेपाल नहीं आ पाने पर निर्माण कार्य प्रभावित हुआ था फिर भी समय से पहले निर्माण कार्य समपन्न करने की हर सम्भव कोशिश होने से निर्माण प्रमुख इञ्जिनियर दोङ्ग के कथन अनुसार १ अक्टुबर २०१६ तक प्रतिष्ठान का बाहिरी हिस्सा ७५% र आन्तरिक कार्य ७०% सम्पन्न हो चुके हैं । निर्माण प्रारम्भ होने से सम्पन्न होते तक कि अन्तरिम काल में निर्माण स्थल मातातिर्थ से दक्षिण ४ किलोमिटर कि दूरी पर सप्रबल निलबाराही गण, बलम्बु कि परिसर के अन्दर प्रतिष्ठान को मुहैया किया गया घरों से दैनिकी कामकाज व प्रशासनिक कार्य हो रहे हैं ।
राष्ट्रिय सप्रबल प्रशिक्षण प्रतिष्ठान का उद्देश्य व लक्ष्य के तहत सशस्त्र प्रहरी इन्सपेक्टर बेसिक टेनिङ, युवा अधिकारी ट्रेनिङ¸ कम्पनी कमाण्डर व स्टाफ अधिकारी ट्रेनिङ¸ बटालियन कमाण्डर ट्रेनिङ¸ सिनियर कमाण्ड ट्रेनिङ¸ व्यवस्थापन व योजना ट्रेनिङ¸ सुरक्षा व्यवस्थापन ट्रेनिङ¸ और आला दर्जे के व्यवस्थापन ट्रेनिङ, आदि समाहित अन्य व्यवसायिक ट्रेनिङ सारे होंगे । यिन के अलावा, सप्रबलका प्रशिक्षण नीति निर्माण के विषय में परामर्श देने¸ सशस्त्र प्रहरी बल का नीति अनुसार ट्रेनिङ पाठ्यक्रम विकास करने¸ प्रतिष्ठान का जिम्मेवारी क्षेत्रो का मुआयना करना¸ व ट्रेनिङ  एवम् सुरक्षा सम्वद्ध सम सामयिक विषयों के उपर गोष्ठी, कार्यशाला आदि आयोजन कर विश्लेषणात्मक तार्किक राय प्रस्तुत करने होंगे । व्यवसायिक, कुशल व सक्षम जन शक्ति के लिए दिलोजान से समर्पित राष्ट्र सेवको का उत्पादन¸ कौशल अभिमुखिकरण व वृत्ति विकास के योजना और परियोजनाओ के बनाना ट्रेनिङ को नतिजनन, अन्तर्राष्ट्रिय मापदण्ड के बनाना समयानुकुल अध्ययन, अन्वेषण एवम् गवेषणा मिश्रित अनुसन्धान इत्यादि प्रतिष्ठान के जिम्मेवारीयों मे से हैं ।  आगे विदेशी मित्र राष्ट्र व सप्रबल के विज्ञ व शिक्षार्थी अधिकारी गण शैक्षिक कार्यक्रम के आमन्त्रण पर अगर परस्पर भ्रमण आदान प्रदान के लिए आकषर््िात भि हुए तो इसको प्रगती का मानक कहा जा सकता है ।
सशस्त्र प्रहरी नियमावली २०७२ अनुसूची ११(नियम ४८ का उपनियम १) अनुसार प्रमोशन व पेशागत दक्षता अभिवृद्धि के लिए सशस्त्र प्रहरी डिआइजी, सशस्त्र प्रहरी एसएसपी व सशस्त्र प्रहरी अधिक्षक(एसपी) कोे एडभान्स ट्रेनिङ करना अनिवार्य होने से १६ जुन से ०६ जुलाई २०१६ तक सशस्त्र प्रहरी डिआइजी व सशस्त्र प्रहरी एसएसपी सम्मिलित आला दर्जे के व्यवस्थापन ट्रेनिङ व ०६ से ३१ जुलाई २०१६ तक सशस्त्र प्रहरी अधिक्षक का व्यवस्थापन तथा योजना ट्रेनिङ सम्पन्न हुए हैं । प्रतिष्ठान के मौजुदा हालात में भौतिक संरचना के निर्माणाधिन अवस्था व प्राविधिक कठिनाई सहजिकरण हेतु उपरोक्त ट्रेनिङ सशस्त्र प्रहरी बल हेडक्वाटर, स्वयम्भू मे सञ्चालित हुए थे । २२ सेप्टेम्बर २०१६ से सशस्त्र प्रहरी डिएसपी सम्मिलित बटालियन ट्रेनिङ काठमाण्डु बलम्बु स्थित सशस्त्र प्रहरी बल निलबाराही गण कि बन्दोवस्ती सहयोग मे अद्यावधि सञ्चालन में है । गए दिनों बहुत सारी रैंको का बेशिक, उन्नत व प्राविधिक ट्रेनिङ प्रतिष्ठान के तत्वावधान मे समपन्न किए जा चुके हैं । विषयो के ज्ञाता व तद््विषय के अनुभवी जनों के प्रवचन अध्यापन से शिक्षार्थी सशस्त्र प्रहरी अधिकारी गण व्यवसायिक दक्षता एवं व्यवस्थापकिय क्षमता विस्तार क्षेत्र में लाभान्वित हुए हैं ।
राष्ट्रिय सप्रबल प्रशिक्षण प्रतिष्ठान का पृष्ठभूमी व मूलभूत अभिप्राय प्रशिक्षण केन्द्रित रहना है, अपितु देश में आपतकालिन आवश्यकता के क्षण स्टाफ कर्मचारी, शिक्षक और शिक्षार्थी सारे शान्ति सुरक्षाकार्य मे परिचालन करने के  दायरे मे आते है । विपद् व्यवस्थापन¸ दंगा व्यवस्थापन¸ उद्धार कार्य¸ विभिन्न अन्तर्राष्ट्रिय सम्मेलन व अति विशिष्ट महानुभावो के भ्रमण कीे सुरक्षा कार्या में प्रतिष्ठान से जनशक्ति एवं श्रोतसाधन के अधिकतम परिचालन कर उत्तरदायी योगदान का महत्वपुर्ण भूमिका निर्वाह होता आ रहा है ।




प्रकाशित

सशस्त्र प्रहरी विशेषांक
वर्ष १६ अंक १, २७ अक्टोबर २०१६


डा.तामाङ कुछ विषय प्रसंगो पर जैसे प्राकृतिक प्रकोप, महिला व बालबालिका विरुद्ध के अपराध, सुशासन, अन्तर्राष्ट्रिय मानविय कानून, बारुदी सुरुङ्ग एवम् सुरक्षा आदि के प्रशाासनिक तथा व्यवस्थापकिय दृष्टिकोण से यथार्थपरक लेख, तथ्यगत रचना व गवेषणात्मक लेखन मे रुचि रखते है ।
आप ने पिजि (अन्तर्राष्ट्रिय मानविय कानून), स्नातकोत्तर (प्रकोप न्युनिकरण), स्नातकोत्तर (अपराध शास्त्र), एम फिल     (पुलिस प्रशासन) व विद्यावारिधि (जनप्रशासन) किए हैं । देश विदेशो मे किए सुरक्षा व्यवसायिक ट्रेनिङ, संयुक्त राष्ट्रसंघ के शान्ति मिसन, सुरक्षा तथा द्वन्द्व व्यवस्थापन विषयक गोष्ठी आदि अमेरिका, युरोप, एशिया र अफ्रिकी महादेशो सें लिए अनुभव ने आप को कुशल प्राज्ञिक कि पृष्ठभूमी मे खडा होनें मे मदद की है । आप का लेख आदि रचनाऐं

http://drkktamang.blogspot.com/ पर देखे जा सकते हैं ।


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